IndiaPrime Minister's Office

Text of PM’s address at the interaction with PM SVANidhi Scheme beneficiaries of Uttar Pradesh

अभी जब मैं प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के सभी लाभार्थियों से बात कर रहा था, तो ये अनुभव किया कि सबको एक खुशी भी है, और एक आश्चर्य भी है। पहले तो नौकरी पेशे वालों को भी लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते थे। गरीब आदमी, रेहड़ी ठेले वाला तो बैंक के भीतर जाने की भी नहीं सोच सकता था। लेकिन आज बैंक खुद चलकर आ रहे हैं। बिना किसी दौड़ भाग के अपना काम शुरू करने के लिए लोन मिल रहा है। आप सबके चेहरों पर ये खुशी देखकर मुझे भी बहुत संतोष हो रहा है। आप सब को आपके काम के लिए, आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ने के लिए, यूपी और देश को आगे बढ़ाने के लिए मैं बहुत बहुत शुभकामनायें देता हूं। और जब मैं आज आप सबसे बात कर रहा था।

मैंने देखा कि बहुत कम पढ़ी-लिखी और सामान्‍य गरीबी में जीनेवाली हमारी बहन प्रीति इतने आत्‍मविश्‍वास के साथ आधुनिक टेक्‍नोलॉजी को भी सीख रही है। अपने व्‍यापार को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है और पूरे परिवार को भी साथ लेकर उनकी चिन्‍ता कर रही है। उसी प्रकार से, बनारस के बंधु से जब मैं बात कर रहा था अरविंद जी से तो अरविंद जी ने जो एक बात बताई वह सीखने जैसी है और मैं मानता हूं कि देश के पढ़े-लिखे लोग सीखेंगे। वो सोशल डिस्‍टेंसिंग के लिए जो खुद चीजें बनाते हैं उसमें से एक चीज भेंट देते हैं, मुफ्त में देते हैं। अगर आपने न‍ियमों का पालन किया है। देखिए कितना बड़ा एक छोटा व्‍यक्ति कितना बड़ा काम कर रहा है। इससे बड़ी क्‍या प्रेरणा हो सकती है। और जब हम लखनऊ के अंदर विजय बहादुर जी से बात कर रहे थे वो तो ठेला चलाते हैं। लेकिन बिजनेस का मैनेजमेंट मॉडल कैसे समय को बचाते हुए काम को बढ़ाना, बहुत बारीकी से उन्‍होंने पकड़ा हुआ है। देखिए यही हमारी देश की ताकत है। इन्‍हीं लोगों से देश आगे बढ़ता है, इन्‍हीं के प्रयासों से देश आगे बढ़ता है।

हमारे रेहड़ी ठेले वाले साथी इसके लिए सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं, मेरा आभार व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन मैं इसका श्रेय सबसे पहले हमारे सभी बैंकों को, हमारे सभी बैंक-कर्मियों की मेहनत को देता हूँ। बैंक कर्मियों की सेवा भावना के बिना ये काम इतने कम समय में इतना बड़ा काम नहीं हो सकता था। हमारे बैंकों के सभी कर्मियों को मैं आज हृदय से बहुत बहुत बधाई देता हूं और उनको भी जब ये गरीब की मन की भावना तक पहुंचती है तो उनका भी काम करने में उत्‍साह अनेक गुणा बढ़ जाता है। इन सारे गरीबों के आशीर्वाद सबसे पहले उन बैंक के लोगों को मिलना चाहिए जिन्‍होंने लगातार मेहनत करके आपके जीवन को फिर से दुबारा आगे बढ़ाने के लिए मेहनत किया है और इसलिए आपके सारे आशीर्वाद, शुभकामनाएं बैंक के लोगों को पहुंचे यही मेरी कामना रहेगी। हमारे इस प्रयास से गरीब के त्योहारों में भी रौशनी फैली है। ये बहुत बड़ा काम है। कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़ रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, यूपी सरकार के अन्य मंत्रिगण, यूपी के सभी जिलों से जुड़ रहे स्वनिधि योजना के हजारों लाभार्थीगण, सभी बैंक से जुड़े हुए महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, आज का ये दिन आत्मनिर्भर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।

कठिन से कठिन परिस्थिति का भी मुक़ाबला ये देश कैसे करता है, यूपी के लोग कैसे संकट से लड़ने की ताकत रखते हैं, ये दिन इसका साक्षी है। कोरोना ने जब दुनिया पर हमला किया था, तब भारत के गरीब को लेकर तमाम आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। मेरे गरीब भाई बहनों को कैसे कम से कम तकलीफ उठानी पड़े, कैसे गरीब इस मुसीबत से उबरें, सरकार के सभी प्रयासों के केंद्र में यही चिंता थी। इसी सोच के साथ, देश ने 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपयों की गरीब कल्याण योजना शुरू की, कोई गरीब भूखा न सोये इसकी चिंता की। 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई तो उसमें गरीब के हित को, उसकी रोजी रोटी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। और आज, हमारे देश के सामान्य मानवी ने ये सिद्ध कर दिखाया है कि वो बड़ी से बड़ी मुसीबत को भी पलटने की ताकत रखता है। पीएम स्वनिधि योजना ने गरीब के श्रम को ये सहयोग दिया है। और आज, हमारे रेहड़ी पटरी ठेले वाले साथी फिर से अपना काम शुरू कर पा रहे हैं, फिर से आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों, देश ने 1 जून को पीएम स्वनिधि योजना को लॉंच किया था। और 2 जुलाई को, यानि एक महीने में ही, ऑनलाइन पोर्टल पर इसके लिए आवेदन भी मिलने शुरू हो गए थे। योजनाओं में ये गति देश पहली बार देख रहा है। गरीबों के लिए घोषणाएँ इतनी जल्दी प्रभावी तरीके से जमीन पर उतरेंगी, ये भूतकाल को देखते हुए कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। स्ट्रीट वेंडर्स के लिए बिना गारंटी के किफ़ायती ऋण के लिए इस तरह की योजना तो आज़ादी के बाद पहली बार बनी है। आज देश आपके साथ खड़ा है, आपके श्रम का सम्मान कर रहा है। आज देश, सामाजिक तानेबाने में, आत्मनिर्भर भारत अभियान में आपके योगदान को भी पहचान रहा है।

साथियों, इस योजना में शुरुआत से ही इस बात का ध्यान रखा गया है कि हमारे रेहड़ी-पटरी लगाने वाले भाई-बहनों को किसी तरह की दिक्कत न हो। शुरू में कई लोग इसलिए परेशान थे कि उन्हें लोन लेने के लिए कौन कौन से कागज लगाने पड़ेंगे, क्या गारंटी देनी होगी! इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि गरीबों के लिए बनी अन्य योजनाओं की तरह ही इस योजना में भी टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा। कोई कागज नहीं, कोई गारंटर नहीं। कोई दलाल भी नहीं, और किसी सरकारी दफ्तर के बार-बार चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं! एप्लिकेशन आप खुद भी ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं, और किसी कॉमन सर्विस सेन्‍टर, नगर पालिका कार्यालय या बैंक ब्रान्‍च में जाकर भी आवेदन अपलोड करा सकते हैं। इसका परिणाम आज ये है कि किसी भी रेहड़ी पटरी वाले को, स्ट्रीट वेंडर को अपना काम फिर से शुरू करने के लिए किसी दूसरे के पास जाने की मजबूरी नहीं है। बैंक खुद आकर पैसा दे रहे हैं।

साथियों, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तो स्ट्रीट वेंडर्स की भूमिका बहुत बड़ी है। इतनी बड़ी आबादी, इतना बड़ा राज्य, लेकिन रेहड़ी ठेले के काम के कारण अनेकों लोग अपने शहर में,  अपने गांव में लोगों की आवश्‍यकता भी पूरी कर रहे हैं और कुछ न कुछ कमाई कर रहे हैं। यूपी से जो पलायन होता था, उसे कम करने में भी रेहड़ी पटरी के व्यवसाय की बहुत बड़ी भूमिका है। इसीलिए, पीएम स्वनिधि योजना का लाभ पहुंचाने में भी यूपी आज नंबर वन है पूरे देश में। शहरी स्ट्रीट वेंडर्स के सबसे ज्यादा आवेदन यूपी से ही आए हैं। देश में अब तक करीब 25 लाख स्वनिधि ऋण के आवेदन मिल चुके हैं और 12 लाख से ज्यादा आवेदनों को स्वीकृति भी दी जा चुकी है। इनमें से साढ़े 6 लाख से ज्यादा आवेदन तो अकेले यूपी से ही मिले हैं, जिसमें से करीब पौने चार लाख आवेदनों को मंजूरी भी दे दी गई है। मैं यूपी सरकार को, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और उनकी टीम को विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूँ जो इतनी तत्परता से रेहड़ी ठेले वालों की चिंता कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि अब यूपी में स्वनिधि योजना के लोन एग्रीमेंट को स्टैंप ड्यूटी से भी मुक्त कर दिया गया है। यूपी में कोरोना के इस मुश्किल समय में 6 लाख रेहड़ी ठेले वालों को हजारों रुपयों की आर्थिक मदद भी पहुंचाई गई है। इसके लिए भी मैं यूपी सरकार को धन्यवाद देता हूँ।

साथियों, गरीब के नाम पर राजनीति करने वालों ने देश में ऐसा माहौल बना दिया था कि गरीब को लोन दे दिया तो वो पैसा लौटाएगा ही नहीं। खुद घपले घोटाले और कमीशनखोरी करने वालों ने हमेशा बेईमानी का सारा ठीकरा गरीबों के ही सर फोड़ने की कोशिश की है। लेकिन मैंने पहले भी कहा है, और आज फिर दोहराता हूँ कि, हमारे देश का गरीब ईमानदारी और आत्मसम्मान से कभी भी समझौता नहीं करता है। पीएम स्वनिधि योजना के जरिए गरीब ने फिर एक बार इस सच्चाई को साबित किया है, देश के सामने अपनी ईमानदारी का उदाहरण पेश किया है। आज देश में स्ट्रीट वेंडर्स को स्वनिधि योजना का लोन दिया गया है, और अधिकतर अपना लोन समय से चुका भी रहे हैं। हमारे यूपी के स्ट्रीट वेंडर्स भी मेहनत करके कमाई भी कर रहे हैं, और किश्त भी चुका रहे हैं। ये हमारे गरीब की इच्छाशक्ति है, ये हमारे गरीब की श्रमशक्ति है, ये हमारे गरीब की ईमानदारी है।

साथियों, पीएम स्वनिधि योजना के बारे में आपको बैंक से, दूसरी संस्थाओं से पहले भी जानकारी मिली है। यहाँ भी आपको इसके बारे में बताया गया है। इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताया जाना जरूरी है। इस योजना में आपके लिए ऋण आसानी से भी उपलब्ध है, और समय से अदायगी करने पर ब्याज में 7 प्रतिशत की छूट भी मिलेगी। और अगर आप डिजिटल लेनदेन करेंगे तो एक महीने में 100 रुपए तक कैशबैक के तौर पर वापस भी आपके खाते में जमा होगा, मिलना शुरू हो जाएगा। यानि, ये दोनों चीजें करने पर एक प्रकार से आपका जो लोन है ये पूरी तरह ब्‍याज मुक्‍त हो जाएगा, ब्‍याज फ्री हो जाएगा और दूसरी बार इससे भी ज्यादा का ऋण आपको मिल सकता है। ये पैसा आगे आपको अपना काम बढ़ाने में, व्यवसाय बढ़ाने में मदद करेगा। साथियों, आज बैंकों के जो दरवाजे आपके लिए खुले हैं, बैंक आज जिस तरह से आप तक खुद चलकर आ रहे हैं, ये एक दिन में संभव नहीं हुआ है। ये ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति का, इतने सालों के प्रयासों का परिणाम है। ये उन लोगों को भी जवाब है जो कहते थे कि गरीबों को बैंकिंग स्सिटम से जोड़ने से कुछ नहीं होगा।

साथियों, देश में जब गरीबों के जनधन खाते खोले थे, तो कई लोगों ने इस पर भी सवाल खड़े किए थे, मजाक उड़ाया था। लेकिन आज वही जनधन खाते इतनी बड़ी आपदा में गरीब के काम आ रहे हैं, गरीब को आगे बढ़ाने में काम आ रहे हैं। आज गरीब बैंक से जुड़ा है, अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जुड़ा है। इतनी बड़ी वैश्विक आपदा, जिसके आगे दुनिया के बड़े बड़े देशों को घुटने टेकने पड़े हैं, उस संकट से लड़ने में, जीतने में आज हमारे देश का सामान्य मानवी बहुत आगे है। आज हमारी माताएँ बहनें गैस पर खाना बना रही हैं। Lockdown के समय भी उन्हें धुएँ में खाना नहीं बनाना पड़ा। गरीब को रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास मिल रहा है, सौभाग्य योजना के कारण घर में बिजली कनेक्शन मिला है, आयुष्मान योजना से पाँच लाख तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। आज बीमा योजनाओं का कवच भी गरीब के पास है। गरीबों का समग्र विकास, उनके जीवन को लेकर एक समग्र प्रयास, आज ये देश का संकल्प है। आज इस अवसर पर जितने रेहड़ी-पटरी दुकानदार, जितने भी श्रमिक, मजदूर, किसान साथ जुड़े हैं, मैं आपको आश्‍वस्‍त करता हूं कि देश आपके व्‍यवसाय को आपके कारोबार को, आपके काम को आगे बढ़ाने के लिए, आपके जीवन को बेहतर और आसान बनाने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ेगा।

साथियों, कोरोना की तकलीफ़ों का जिस मजबूती से आप सबने सामना किया है, जिस सावधानी से आप बचाव के नियमों का पालन कर रहे हैं, इसके लिए मैं एक बार फिर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ। आपकी इस सजगता से, इस सावधानी से देश जल्दी ही इस महामारी को पूरी तरह से हराएगा। मुझे विश्वास है जल्द ही हम सब मिलकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करेंगे। और हाँ, दो गज की दूरी, मास्क जरूरी, ये मंत्र हमें त्योहारों के मौसम में भी जरा ज्‍यादा ध्यान रखना है, कोई कमी नहीं आना चाहिए। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ, मैं फिर एक बार आप सबको त्योहारों की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई भी देता हूं और आपके जीवन में बहुत प्रगति हो, यही ईश्‍वर से प्रार्थना करता हूं।

बहुत बहुत धन्यवाद !

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